
नागरिकता किसी व्यक्ति और देश के बीच के औपचारिक सम्बन्ध को इंगित करती है ! नागरिकता के वजह से ही कोई व्यक्ति देश के प्रति और देश उस व्यक्ति के प्रति उत्तरदायी होती है ! लेकिन नागरिकता कोई स्थायी चीज नहीं है इसे छिना भी जा सकता है और लोग इसे अपनी स्वेच्छा से त्याग भी सकते है ! हाल ही में गृह मंत्रालय ने एक आकड़ा जारी किया है इस आंकड़े के मुताबिक साल 2021 में लाखों भारतीय लोगों ने अपनी नागरिकता छोड़ दी है ! जिसके कई अलग-अलग कारण है ! आज के इस ब्लॉग में इन्ही बातों को विस्तार से जानेंगे ! “Why Indians are renouncing their Citizenship”
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विषय | “Why Indians are renouncing their Citizenship, क्यों छोड़ रहे है लाखों लोग भारत की नागरिकता?” |
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गृह मंत्रालय द्वारा जारी आकड़े क्या है ?
गृह मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ो के मुताबिक साल 2021 में लगभग 1.6 लाख से अधिक भारतीय लोगों ने अपनी नागरिकता छोड़ी है ! साल 2020 में यह संख्या 85,256 और 2019 में 1.4 लाख से अधिक थी ! इस आंकड़े के अनुसार संयुक्त राज्य अमेरिका में 78,284 , ऑस्ट्रेलिया में 23,533 , कनाडा में 21,597 और यूनाइटेड किंगडम में 14,637 लोग गये है ! इन देशों के साथ इटली, न्यूजीलैंड, सिंगापुर, जर्मनी, नीदरलैंड और स्वीडन भी शामिल है जहाँ भारतीय लोग गये है !
क्यों छोड़ रहे हैं लोग नागरिकता ?
किसी भी देश के लोगो का वहाँ का नागरिकता छोड़ना उस देश केसामाजिक-आर्थिक स्थिति में बदलावपर निर्भर करता है ! भारत के संदर्भ में बात करे तो यह दो श्रेणियों में बटा हुआ है पहला श्रेणी है सवतंत्रता के पूर्व और दूसरा है स्वतंत्रता के पश्चात !

स्वतंत्रता के पूर्व :-
औपनिवेशिक काल के द्वौरान लोगो कोजबरन मज़दूरी, गिरमिटिया मजदूरी, अनुबंधित मजदूरीके कारण अपना घर छोड़ना पड़ता था !19वींशताब्दीकेदौरानबड़ीसंख्यामेंभारतीय नागरिकोंकोबंधुआ मजदूरी और गुलामी में फँसायागया था ! और औपनिवेशिक सरकार द्वारा उन्हेंमॉरीशस, फिजी, दक्षिण अफ्रीका, त्रिनिदाद और सूरीनाम में भेजा गयाथा ! इसलिए आज भी इन देशों में भारतीय मूल के लोगों की संख्या काफी ज्यादा है !
स्वतंत्रता के पश्चात्:-
स्वतंत्रता के पश्चात लोंगबेहतर नौकरी की तलाश मेंऔर बेहतर काम की तलाश मेंदेशछोड़ के विकसित देश जा रहे हैं! जलवायु परिवर्तन के कारण तापमान बढ़ रहा है, समुद्र का स्तर बह रहा है,जलवायु संबंधी आपदाओं में बड़ोतरीहो रही है जिसके कारणलोग बेहतर स्थान की तलाश में देश छोड़ रहे है ! “Why Indians are renouncing their Citizenship”
अन्य कारण :-
साल 2020 में प्रकाशित वैश्विक धन प्रवासन समीक्षा रिपोर्ट के अनुसार विश्व के विकासशील देश के अमीर लोग अपने देश में अवसरों की कमी, देश में बढती अपराधिकदर के कारण नागरिकता छोड़ रहे हैं
गोल्डन वीजा कार्यक्रम:-
विश्व के कई सारे देश निवेश के आधार पर नागरिकता का प्रावधान किया है जिसे हम गोल्डन वीजा के रूप में जानते है ! गोल्डन वीजा का उद्देश्य होता है अपने देश में धनी विदेशी नागरिकों को आकर्षित करना !
क्या होता है गोल्डन वीजा ?
गोल्डन वीजा प्राप्त करने के लिए किसी विदेशी नागरिक को निश्चित मात्रा मेंउस देश में निवेश करना होताहैं! जिसके आधार पर उन्हें नागरिकता दी जाती है! वर्त्तमान समय में नौदेश इस आधार पर नागरिकता देते हैं! बीते कुछ समय में इस तरह से नागरिकता लेने वाले लोगों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है
नागरिकता छोड़ने की जरूरत क्यों है?
भारतीय संविधान में दोहरी नागरिकता की व्यवस्था नहीं है जिसके कारण कोई विदेशी नागरिकता और भारतीय नागरिकता एक साथधारण नहीं कर सकता है ! भारतीय संविधान के अनुच्छेद 9 के अनुसार किसी दूसरे देश की नागरिकता लेने पर स्वतः भारतीय नागरिकता समाप्त हो जाती है !
2000 में भारतीय प्रवासियों का अध्ययन करने हेतु एल.एम सांघवी के नेतृत्व में एक समीति का गठन किया गया था ! इस समीति के रिपोर्ट के आधार पर भारत सरकार ने ओवरसीज सिटीजन ऑफ इंडिया की व्यवस्था की जिसके अनुसार OCI कार्ड उन्हें मिलेगा जो 15 अगस्त, 1947 को भारत के नागरिक थे अथवा नागरिकबनने के पात्र थे ! इसमें पाकिस्तान और बांग्लादेश के नागरिको को शामिल नहीं किया गया है !
OCI क्या है ?
आम भाषा में OCI की व्यवस्था को दोहरी नागरिकता माना लिया जाता है लेकिन कानूनी तौर पर यह दोहरी नागरिकता नहीं है ! OCI धारकों को भारतीय नागरिकों के सामान सभी अधिकार प्राप्त नहीं है ! इन्हें वोट देने का अधिकार नहींहै ! दोनों को समान अधिकार दे दिए जाने पर अनुच्छेद- 9 का उल्लंघन होगा जो दोहरी नागरिकता की अनुमति नहीं देता है !

“Why Indians are renouncing their Citizenship”, क्यों छोड़ रहे है लाखों लोग भारत की नागरिकता?
नागरिकता किसी व्यक्ति और देश के बीच के औपचारिक सम्बन्ध को इंगित करती है ! नागरिकता के वजह से ही कोई व्यक्ति देश के प्रति और देश उस व्यक्ति के प्रति उत्तरदायी होती है ! लेकिन नागरिकता कोई स्थायी चीज नहीं है इसे छिना भी जा सकता है और लोग इसे अपनी स्वेच्छा से त्याग भी सकते है ! हाल ही में गृह मंत्रालय ने एक आकड़ा जारी किया है इस आंकड़े के मुताबिक साल 2021 में लाखों भारतीय लोगों ने अपनी नागरिकता छोड़ दी है
नागरिकता छोड़ने की विधियों?
भारतीय संविधान के भाग – 2 में अनुच्छेद 5-11 तक नागरिकता संबंधी प्रावधान है ! इसमें अनुच्छेद-11 के तहत भारतीय संसद को नागरिकता संबंधी कानून बनाने का अधिकार प्राप्त है ! जिसके तहत भारतीय संसद द्वारा नागरिकता अधिनियम, 1955 लाया गया था !इस अधिनियम के अनुसार नागरिकता छोड़ने या समाप्त होने की तीन विधियाँ है
स्वैच्छिक त्याग :- 18 वर्ष या उससे अधिक आयु का कोई भी व्यक्ति अपनी इच्छा से नागरिकता त्याग सकता है ! इससे उसके नाबालिग बच्चे की भी नागरिकता समाप्त हो जाएगी लेकिन वह नाबालिग बच्चा जब 18 वर्ष के हो जायेंगे तब वह नागरिकता के लिए अप्लाई कर सकते है !
स्वतःसमाप्ति :- भारतीय संविधान में दोहरी नागरिकता की व्यवस्था नहीं की गई है जिसके कारण स्वेच्छा से किसी दूसरे देश की नागरिकता लेने परभारतीय नागरिकता स्वतः ही समाप्त हो जाता है !
सरकार द्वारा वंचित :- यदि कोई व्यक्ति धोखे से नागरिकता हामिल कर लेता है तो उसे सरकार द्वारा नागरिकता से वंचित किया जा सकता है ! भारतीय संविधान का अनादर करने पर नागरिकता से वंचित किया जा सकता है ! युद्ध के दौरान दुश्मन देश के साथ व्यापार या संचार किसी भी तरह की सूचना को दुश्मन देश को देना और उसमे संलिप्त होंने की स्थिति में नागरिकता से वंचित किया जा सकता है ! नागरिकता पाने के 5 वर्ष के भीतर किसी अपराध में दोषी पाया जाता है और उसे कम-से-कम 2वर्ष की सजा होती है तो उसे नागरिकता से वंचित किया जा सकता है ! अगर कोई व्यक्ति लगातार 7 साल से भारत से बाहर रह रहा है तो उसे नागरिकता से वंचित किया जा सकता है !
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